नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बावजूद रिकवरी रेट काफी अच्छा है और देशभर में अब तक 82 प्रतिशत से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं. कोरोना से रिकवर होने के बाद लोग अपनी हेल्दी लाइफस्टाइल शुरू कर सकते हैं. हालांकि नई स्टडी में खुलासा हुआ है कि कोरोना से संक्रमित हुए लोग लंबे समय तक समस्याओं से जूझ सकते हैं, जो कोविड संक्रमण से होने वाले नुकसान से अलग हो सकते हैं.
कोरोना से ठीक हुए लोगों में हो सकती हैं ये समस्याएं
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद लंबे समय तक कई समस्याओं से जूझ सकते हैं. पहले से किसी बीमारी से ग्रस्त और कमजोर इम्यूनिटी वालों को खास देखभाल की आवश्यकता होगी. कोविड-19 से उबरने वाले रोगियों में हार्ट अटैक के मामले बढ़ने की कई रिपोर्ट आई हैं. SARS-COV-2 वायरस की वजह से डायबिटीज की जोखिम बढ़ने के अलावा किडनी डैमेज की समस्या भी हो सकती है.
कोरोना से ठीक हुए लोगों को लगातार स्क्रीनिंग का जरूरत
मरीजों पर बहुत सारे अध्ययन चल रहे हैं, जिससे संकेट मिले हैं कि लोगों में हार्ट प्रॉब्लम के अलावा मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम की भी जोखिम कई गुना ज्यादा है. रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना से ठीक हुए लोगों को लगातार स्क्रीनिंग यानी देखभाल की जरूरत होती है. एक रिसर्च के मुताबिक, मरीजों में करीब 6 महीने तक कोरोना से जुड़ी कोई न कोई दिक्कत बनी रहती है. इसे ही लॉन्ग कोविड या पोस्ट-कोविड सिंड्रोम नाम दिया गया है.
क्या हो सकते हैं लॉन्ग कोविड के लक्षण?
रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 से रिकवर होने के बाद यानी मरीज की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी उनमें हल्की खांसी, सिर दर्द, बदन में दर्द, थकान, सांस लेने में परेशानी या स्वाद और सुगंध महसूस न होने जैसी दिक्कतें देखने को मिल सकती हैं.
Comments
Post a Comment